Bihar Education Department Order : वैसे तो Education Department अपने अजीबोगरीब Order के लिए प्रसिद्ध हो गया है इसी क्रम में एक और Order जारी किया गया है जिससे बिहार के प्रधानाध्यापको में काफी आक्रोश है “आबरा के मऊगी, गांव भर के भौजी” इस भोजपुरी कहावत को चरित्रार्थ करते हुए Education Department द्वारा जारी इस Order के विरोध में नाम ना बताने की शर्त पर स्कूल के हेड मास्टर साहब का कहना है कि हम लोग वैसे तो स्कूल के हेड मास्टर हैं
अगर मजबूरी नहीं होती तो कब का नौकरी VRS लेकर घर पर बैठकर कुछ काम कर लिए होते शायद हम लोगों ने कोई अपराध जरूर किया है जिसकी सजा हम लोगों को Education Department के द्वारा दी जा रही हैवहीं इस ताजा आदेश को सुनकर सभी शिक्षकों ने माथापीट लिया है और कहा यह पूर्णतया से व्यावहारिक नहीं है पटना के एक स्कूल के हेड मास्टर साहब ने Education Department के इस Order को राजशाही तंत्र बताया है क्या है यह पूरा मामला लिए जानते हैं।

Bihar Education Department Order : Education Department के इस Order से हड़कंप।
Bihar Education Department Order : आप सभी के मन में ऐसे सवाल उभर कर सामने आ रहे हैं जिससे कि कौन सा ऐसा Order है जिसके कारण सभी हेड मास्टर साहब परेशान हो गए हैं तो लिए हम आपको बताते हैं कि Education Department के ताजा आदेश के अनुसार अब शिक्षकों को मिड डे मील का विपत्र रोजाना संधारित करना होगा और प्रतिदिन होने वाले ₹60 गैस खर्च का बिल कहां से लाएंगे हेड मास्टरों ने यह भी कहा है कि जो बच्चे अंडे नहीं खाते हैं उनके अभिभावक से भी घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कराया जाना है साथ ही साथ विद्यालय के सभी शिक्षकों के भी हस्ताक्षर कराना अनिवार्य होंगा।
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Bihar Education Department Order : Education Department का यह आदेश पूरी तरह से है अव्यवहारिक।
Bihar Education Department Order : पटना के एक दर्जन स्कूलों के हेड मास्टर ने इस आदेश को व्यवहारिक घोषित किया है और कहा है कि इससे Education Department पूरी तरह से पढ़ाई को तक करने की साजिश रच रहा है हेड मास्टर साहब का कहना है कि Education Department बिहार सरकार के अधिकारियों के इस Order को हमेशा से अव्यवहारिक रूप से जारी करते रहे हैं कभी KK पाठक और कभी एस सिद्धार्थ
उन्हें जमीनी स्तर पर कुछ भी जानकारी नहीं है हेड मास्टर साहब किस तरह की समस्या का सामना करते हैं यह शायद उनको AC में बैठे हुए अधिकारियों को पता नहीं है हेडमास्टर साहब से पूछने पर उनके द्वारा कहा गया कि शिक्षकों को निदेशक मध्यान भोजन विनायक मिश्र और Education Department के प्रमुख सचिव ऐसा सिद्धार्थ के हस्ताक्षर से पत्र प्राप्त हुआ है और उसे पत्र में मिड डे मील योजना को लेकर विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों को रिपोर्ट के रूप में दर्ज करने को कहा गया है जो की पूरी तरह से अव्यवहारिक है।

Bihar Education Department Order : बिहार Education Department का मिड डे मील को लेकर दिया गया है आदेश।
Bihar Education Department Order : बिहार Education Department के द्वारा मिड डे मील से संबंधित आदेश निर्गत किया गया है जिसमें एक दर्जन स्कूलों के हेड मास्टरों ने फोन पर जनमंच इंडिया को अपनी समस्या बताई है उनके द्वारा यह कहा गया है कि मिड डे मील में अंडा के लिए सरकार द्वारा ₹5 का भुगतान किया जाता है जबकि बाजार में एक अंडे की कीमत ₹8 से भी ऊपर है साथ ही साथ शिक्षकों से हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है
किसी भी विद्यालय में हेड मास्टर के द्वारा शिक्षक कभी भी खुश नहीं रहे हैं कभी छुट्टी को लेकर वह नाराज दिखते हैं कभी समय से आने के दबाव को लेकर इस स्थिति में किस प्रकार हेड मास्टर सभी शिक्षकों से हस्ताक्षर लेंगे और हस्ताक्षर लेने के बाद क्या वह शिक्षक मनमानी ढंग से स्कूल में नहीं रहेंगे जो की पूर्णतया शिक्षा व्यवस्था को चौपट करना है।
Bihar Education Department Order : सभी विद्यालयों के हेड मास्टरों में है नाराजगी।
Bihar Education Department Order : Education Department के द्वारा जारी इस Order के कारण सभी विद्यालयों के हेड मास्टरों में काफी नाराजगी है शिक्षकों से हस्ताक्षर लेने की बात कह देने से शिक्षकों की मनमानी शुरू हो जाएगी जो कि विद्यालय के अनुशासन को पूरी तरह से चौपट कर देगा हस्ताक्षर लेने के बदले में शिक्षक हेड मास्टर को ब्लैकमेल करना शुरू कर देंगे छुट्टी की ज्यादा मांग करेंगे कक्षा में समय से पढ़ने से साफ इनकार करेंगे जो की पूरी तरह से अव्यवहारिक होगा।
हेडमास्टरों के द्वारा यह भी कहा गया है कि हेड मास्टर पूरे महीने दाल तेल मसाला सोयाबीन चना इत्यादि की आपूर्ति करने में लगा रहता है कहीं आलू घट गया कहीं प्याज घट गया महीने के अंत में खाने वाले बच्चों की संख्या का जब हिसाब लगाया जाता है तो प्रत्येक बच्चों पर डाल तेल मसाला और सब्जी आदि का ग्राम यानी वजन बच्चों के अनुसार नहीं ठहरता है उदाहरण के तौर पर किसी दिन 1 से पांचवी कक्षा तक के 40 बच्चे यदि मिड डे मील कहते हैं तो निर्धारित वजन के हिसाब से पैसा और बिल बनाने में पता चलता है कि जितनी राशि Education Department के द्वारा जारी की गई है वह भी पर्याप्त नहीं है।
Education Department के इस Order को सभी हेड मास्टरों ने तुरंत वापस लेने के लिए कहा है अन्यथा की स्थिति में वह आंदोलन करेंगे।
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