BPSC Teacher : अगर आप भी जानना चाहते है की आखिर कौन कौन है वो टीचर जिसकी नौकरी भी हो गयी है रद्द। अगर आप भी जानना चाहते है इनके बारे में विस्तार से तो आपको इस लेख को पूरा लास्ट तक के पढना होगा। इस लेख में हमने पुरे विस्तार से इनके बारे में सारी जानकारी को बताया है। तो आइए अब शुरू करते है इस लेख को ।
सभी Letters के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी के स्थापना प्रशाखा की तरफ से इन अध्यापको से CTET में 60 प्रतिशत से भी कम अंक रहने पर नियुक्ति के लिए पात्रता नही रखने पर जबाब की भी तलब की गयी थी। इन सभी अध्यापको का स्पष्टीकरण भी संतोष जनक नही पाया गया है।

BPSC Teacher : 60 प्रतिशत से भी कम अंक रहने पर तीन – तीन BPSC Teacher की नियुक्ति रद्द ।
BPSC Teacher : बिहार में तो शिक्षक पात्रता परीक्षा में निर्धारित हुए 60 प्रतिशत से भी कम अंक रहने पर तीन – तीन BPSC Teacher की नियुक्ति को भी जिला शिक्षा अधिकारी ने रद्द कर दिया है।
इनमे तो बेगुसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विधालय मेधौल में तो वर्ग 1 से लेकर के 5 के शिक्षक अश्र्वनी पाल, प्राथमिक विधालय नुरुल्लाह्पुर की आरती यादव, तथा चेरियाबरियारपुर प्रखंड के मध्य विधालय पबडा में तो वर्ग 6 से लेकर के 8 की शिक्षक सोनम पटेल है। तीनो के तीनो तो बिहार राज्य के बाहर के निवासी है। अश्र्वनी पाल का तो CTET में 87, और आरती यादव का तो 84 और तो और सोनम पटेल का तो 83 अंक आया है।

BPSC Teacher : नियुक्ति के लिए पात्रता नही रखने पर जवाव तलब भी किया गया था।
BPSC Teacher : DEO की तरफ से तो 13 December को जारी हुए आदेश में तो यह भी कहा गया है की तीनो अभ्यर्थियो की नियुक्ति के निमित्त बिहार राज्य विधालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानातरण, अनुशासनिक कार्यवाई एवं सेवा शर्त ) नियमावली 2023 में तो जरुरी प्रावधान भी किए गए है। इसके सापेक्ष में तो इन अध्यापको का नियुक्ति पत्र एवं पदस्थापन भी रद्द कर दिया जाता है।
इस पत्र के मुताबिक तो जिला शिक्षा अधिकारी स्थापना प्रशाखा की तरफ से इन अध्यापको से CTET में तो 60 प्रतिशत से भी कम उसके रहने पर तो नियुक्ति के लिए पात्रता नही रखने पर जवाव तलब भी किया गया था। इन अध्यापको का तो स्पष्टीकरण भी संतोषजनक नही पाया गया है । किसी भी प्रकार के आरक्षण का तो लाभ सिर्फ और सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही देय है ।
BPSC पटना की तरफ से तो जारी हुए दिशा निर्देश और हाईकोर्ट पटना के तो निर्गत न्याय निर्णय के तहत में भी स्पष्ट किया गया है की बिहार राज्य की तो महिला अभ्यर्थी को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण के लिए तो पांच प्रतिशत की भी छुट तक के देय नही है। इसके आलोक में तो विधालय अध्यापक की नियुक्ति के लिए तो प्रकाशित विज्ञापन के भी आलोक में तो सामान्य श्रेणी के लिए तो निर्धारित शिक्षक पात्रता परीक्षा की भी अहर्ता को पूरी नही करते है।
वही उनके आवेदन में तो यह भी अंकित है की वे तो नियुक्ति के लिए सभी आवश्यक अहर्ता को पूरी करते है, यह तो सही नही है। Patr में तो यह भी कहा गया है की BPSC की तरफ से जारी हुए विज्ञापन में तो निहित शर्तो के प्रतिकूल रहते हुए भी तो आवेदन कर के विभाग को दिग्भ्रमित कर के औपबेधिक नियुक्ति Patr को भी किया गया है । यह तो विभागीय निर्देश की भी एक तरह से अवहेलना है।

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