Contractual Employee Rights : सुप्रीम कोर्ट के ओर से ऑर्डर है कि जो पूरे 12 महीने में एक ही ड्यूटी करते हैं उन लोगों को अब करना ही होगा स्थाई ड्यूटी डिस्कवर के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए शुरू से लेकर अंत तक क्योंकि हम आपको इस लेख के जरिए आप तक इस खबर की पूरी जानकारी पहुंचाएंगे ।
लेकिन अगर कोई व्यक्ति 12 महीने लगातार किसी पद पर परमानेंट प्रकृति ऑफिशियल की तरह काम करता है तो उन लोगो को कॉन्ट्रैक्ट Employe के जैसा नहीं ट्वीट किया जा आएगा और तो और उसे व्यक्ति का नौकरी परमानेंट कर दिया जाएगा हमेशा के लिए । 12 March को Justice P.M Narsimha और Sandip ने कह दिया है कि परमानेंट पूरे साल का काम Contract Employees के जरिए नहीं कि जा सकती है ।
Post Name | Contractual Employee Rights |
Publish Date | 19 March 2024 |
Contractual Employee Rights : जानिए इस खबर से संबंधित कुछ विशेष बातें ।
Contractual Employee Rights : जानिए इस खबर से संबंधित पूरी जानकारी जो कि कुछ इस प्रकार से दी गई है । सुप्रीम हाई कोर्ट ने कह दिया है कि 12 Month’s या परमानेंट काम करने के लिए नियुक्त Workers को Contract labour 1970 अधिनियम के तहत व्यक्तियों को केवल परमानेंट जॉब के फायदे से अलग रखने के लिए Contract Workers नहीं माना जाएगा । यह सिलसिला जुड़ा हुआ है महानदी कोलफील्ड में काम करनेवाले Cleaning Workers से ।
Contractual Employee Rights : जानिए इस खबर से जुड़ी लाइव लॉ की रिपोर्ट के बारे में ।
Contractual Employee Rights : जानिए इस खबर से जुड़ी लाइव लॉ की रिपोर्ट के बारे में आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि लाइव लॉ के रिपोर्ट के अनुसार बनाए रखा है उन आदेश को जो जस्टिस नरसिम्हा ने अपने फैसले में सुप्रीम हाई कोर्ट को और इंडस्ट्रीयल ट्रिब्यूनल के उन आदेशों को बनाए रखा जिनमे रेलवे लाइंस के किनारे क्लीन करने वाले श्रमिकों को Contract वर्कर्स से हटा दिया जाएगा और परमानेंट क वर्कर्स का दर्जा दिया जाएगा । और केवल इतना ही नहीं बी इनकम बढ़ाने का भी
आदेश दिया गया है।
Contractual Employee Rights : 32 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों में से सिर्फ 19 कर्मचारियों को ही परमानेंट नौकरी दी गई थी और 13 कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी ही छोड़ दिया गया आइए जानते हैं ऐसा क्यों ?
Contractual Employee Rights : 32 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों में से सिर्फ और सिर्फ 19 कर्मचारियों को ही परमानेंट नौकरी दी गई थी । लेकिन 13 कर्मचारियों को अनुबंध कर्मचारी ही छोड़ दिया गया जानिए ऐसा क्यों हुआ। जबकि सभी कर्मचारियों का काम बराबर ही है लेकिन इसके अगेंस्ट Central Government को Memorandum दिया गया लेकिन इतना करने से भी कार्यवाही नहीं हुई थी तो फिर इस मामले को पहुंचाया गया इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के पास इसके बाद ट्रिब्यूनल ने सभी सभी श्रमिकों को परमानेंट करने का फैसला सुनाया ट्रिब्यूनल के फैसले को मानते हुए सुप्रीम हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को मंजूरी दी ।