Mata Vaishno Devi : अब तो श्री माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के भवन पर भी तो अन्य मंदिरों के तरह ही तो यज्ञ करने की भी सुविधा सभी श्रधालुओ को भी देखने को मिलेगी। इस सब के लिए तो पांच कुंडीय यज्ञशाला भी ठीक प्राचीन गुफा के नीचे ही बनाई गई है। यह तो पहली बार ही है। श्राइन बोर्ड के तो सीईओ अंशुल गर्ग ने यह भी बताया है कि बोर्ड का तो पूरा फोकस यह है कि नए साल में तो कुछ ऐसी चीज़ें भी जोड़ी जाएगी जो भक्तों की यात्रा को और भी ज्यादा सुगम बनाएं।
हम तो भवन और यात्रा के मार्ग पर भी तो आवासीय सुविधाओं पर भी ज्यादा केंद्रित की गई हैं। हमने तो बाण गंगा में भी नया यात्री सुविधा केंद्र को बनाया है, जहाँ पर तो आपको यात्रा से सम्बंधित तमाम जानकारी भी मिलेगी। अब तो पंजीकरण, घोड़ा, पिट्ठू, बैटरी कार, आवास सब के सब चीज़ यहां से ही बुक भी हो सकेगा। नवजात बच्चों के स्तनपान के लिए तो उनकी माताओं की सुविधा के लिए ही तो स्तनपान केंद्र, स्नानागार आदि भी वहा उपलब्ध रहेगा ताकि इस यात्रा का आगाज़ पहले से काफी ज्यादा बेहतर हो।
बाण गंगा में तो अब से हरिद्वार की ही तर्ज़ पर आरती भी शुरू की जा रही है। इसी तरह से तो यात्रा मार्ग पर भी बहुत से नए – नए सुविधा केंद्र भी नए साल से ही खुल रहे हैं। पूरे साल में तो तीन से चार ऐसे बड़े – बड़े प्रोजेक्ट हैं जो अब शुरू होंगे। अब तो भवन पर भी नया वैष्णवी आवास जिसमें तो कम से कम 300 बैड होंगे और तो और बैटरी चलित गाड़ियों के लिए तो अलग से तीन मंजिला कार स्टैंड भी बनाया जा रहा है।
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भवन की तो अटका आरती के तर्ज़ पर भी तो हाल ही में श्राइन बोर्ड ने तो अर्ध कुंवारी में भी अलग से आरती भी शुरू कराई है। पहले तो गुफा में आरती के दौरान यहाँ पर तो उसका प्रसारण भी होता था, यानीं की अब आप तो यहाँ पर भी अलग से वैसे ही आरती कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त तो हमारे सबसे महत्वकांक्षी रोपवे प्रोजैक्ट से तो यह यात्रा इतनी आसान हो जाएगी की जो कभी भक्तों ने सोचा भी नहीं होगा। खासकर तो बुज़ुर्ग, अक्षम, असमर्थ और दिव्यांग यात्री भी अब मातृ दर्शन का लाभ भी आसानी से ले पाएंगे।
Mata Vaishno Devi : चॉपर सेवा तो सब के लिए नहीं है और सब के बस की बात भी नहीं है। ऐसे में तो बड़े मंथन के बाद में रोपवे बनाने का भी फैसला हुआ था, जो की ताराकोट से सांझी छत तक के जाएगा। हमने तो केंद्र सरकार की एजेंसी के माध्यम से इसे अंतिम रूप भी अब दे दिया है। सब कागजी कार्रवाई भी तो पूर्ण हो गई है, अब तो जल्द ही काम भी शुरू होगा। केबिन यूरोप से तो इसके इम्पोर्ट होंगे।
अगले वर्षों में तो विश्व स्तरीय रोपवे जल्दी ही भक्तों के लिए उपलब्ध भी होगा और यह कटरा से सांझी छत तक पहुँचने के लिए तो महज छह मिनट ही लेगेगा और इतना ही नहीं आम आदमी के लिए तो हेलीकाप्टर के मुकाबले में दस गुना कम खर्च यानी की करीब 250 या फिर 300 रुपए में ही यह यात्रा भी कर पाएगा। रोज़ तो करीब 10 हज़ार यात्री भी रोपवे से जा सकेंगे। इससे तो सभी भक्तों को एक बड़ी राहत भी मिलेगी।
इससे तो यात्रियों की संख्या तो बढ़ेगी ही लेकिन दिलचस्प ढंग से भवन पर तो सुविधा मांगों के दवाब में भी भारी कमी आएगी। इस लिहाज़ से तो यह बोर्ड के लिए भी एक वरदान होगा क्योंकि भवन पर तो सीमित स्थान के चलते ही बढ़ती संख्या का प्रबंधन भी एक बड़ी चिंता थी।
नए साल पर तो अब भक्तों को पहली बार भवन पर रुकने के लिए तो फैमली रूम्स की सुविधा भी मिलेगी। इसके तहत तो 8 बिस्तर वाला कमरा भी मिलेगा जिसमें तो वाशरूम्स भी अटैच्ड होगा। साल 2022 तक के तो भवन पर कुल आवासीय सुविधा 3 हज़ार बिस्तर की थी परंतु अब तो पुराने दुर्गा भवन को नए सिरे से बनाकर के यहाँ एक साथ में तो तीन हज़ार से भी ज्यादा यात्रियों के ठहरने का विशेष प्रबंध भी किया गया है।
खास बात तो यह कि यह सब निःशुल्क है। भक्तों को तो निशुल्क साफ़ सुथरी डॉरमेट्री पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ही उपलब्ध भी कराई जाती है। इसी भवन में कुछ अलग कमरे भी बनाए गए हैं जिन्हें तो आप शुल्क देकर के भी हासिल कर सकते हैं।
Mata Vaishno Devi : अब बात करते है इसमें नेशनल डेस्क की ।
Mata Vaishno Devi : उत्तर भारत में तो आस्था के सबसे बड़े केंद्र, माता वैष्णो देवी के दरबार में आने वाले तो सभी श्रद्धालुओं की संख्या हर साल एक नई ऊंचाई पर पहुंचती रही है। अब तक के तो वार्षिक आंकड़ा एक करोड़ तक के भी पहुंच गया है, और वंदे भारत ट्रेन सेवा के विस्तार, कश्मीर से भी तो बेहतर कनेक्टिविटी, और विशेष फोरलेन सड़क के निर्माण के बाद में तो यह संख्या डेढ़ करोड़ तक के भी पहुंचने का अनुमान है। इस बढ़ती संख्या के साथ में तो श्रद्धालुओं की सुविधा और प्रबंधन Mata Vaishno Devi श्राइन बोर्ड के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गया है।
श्राइन बोर्ड ने तो इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पहले से ही कई तरह के प्रबंधन भी किए हैं। उनका तो यह उद्देश्य है कि भक्त को माता के आशीर्वाद के साथ-साथ में बेहतरीन प्रबंधन और सुविधाओं की यादे भी अपने साथ में लेकर के जाएं। नए साल के तो आगमन के साथ में, श्राइन बोर्ड ने तो यात्रियों की यात्रा को अधिक सुगम बनाने के लिए तो कई नई योजनाओं पर भी अब काम शुरू कर दिए है।
Mata Vaishno Devi : वैष्णो देवी भवन में तो बनाई गई कुंडीय यज्ञशाला ।
Mata Vaishno Devi : माता वैष्णो देवी भवन में पहली बार एक पांच कुंडीय यज्ञशाला भी बनाई गई है, जो की प्राचीन गुफा के ठीक नीचे में ही स्थित है। यह तो भक्तों के लिए भी एक नई आध्यात्मिक पहल है। Mata Vaishno Devi श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने तो यह भी बताया है कि नए साल में तो बोर्ड का मुख्य उद्देश्य ऐसी सुविधाएं को जोड़ना है जो यात्रियों की यात्रा को आसान और आरामदायक बनाएं। भवन और यात्रा मार्ग पर तो आवासीय सुविधाओं को बेहतर बनाने पर भी अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
Mata Vaishno Devi : अब तो बाण गंगा के पास में ही बनाया गया नया है यात्री सुविधा केंद्र ।
Mata Vaishno Devi : बाण गंगा क्षेत्र में तो एक नया यात्री सुविधा केंद्र भी बनाया गया है, जहां से तो श्रद्धालु अपनी यात्रा से जुड़ी हुई सभी सेवाओं जैसे की पंजीकरण, घोड़ा, पिट्ठू, बैटरी कार, और आवास की भी बुकिंग कर सकते हैं। माताओं और नवजात शिशुओं की सुविधा के लिए तो स्तनपान केंद्र और स्नानागार की व्यवस्था भी की गई है, जिससे तो यात्रा की शुरुआत पहले से बेहतर और सुविधाजनक भी हो सके।
Mata Vaishno Devi : हरिद्वार की तो तर्ज पर ही बाण गंगा में भी अब आरती होगी शुरू ।
Mata Vaishno Devi : हरिद्वार की ही तर्ज पर तो अब बाण गंगा में आरती भी शुरू की जा रही है, जिससे तो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव का भी एक और नया आयाम मिलेगा। यात्रा मार्ग पर तो नए सुविधा केंद्र भी खोले जा रहे हैं, जो यात्रियों की जरूरतों को भी ध्यान में रखकर के बनाए गए हैं।
Mata Vaishno Devi : अब तो नया वैष्णवी आवास भी हो गया है तैयार ।
Mata Vaishno Devi : भवन क्षेत्र में तो 300 बिस्तरों की क्षमता वाला एक नया वैष्णवी आवास भी तैयार किया जा रहा है। बैटरी चालित वाहनों के लिए तो एक आधुनिक तीन मंजिला कार स्टैंड का भी निर्माण हो रहा है, जिससे तो यातायात को भी व्यवस्थित किया जा सके।
Mata Vaishno Devi : अब तो अर्धकुंवारी में भी गर्भ जून आरती की होगी शुरुआत ।
Mata Vaishno Devi : हाल ही में तो अर्धकुंवारी में भी गर्भ जून आरती की शुरुआत भी की गई है। पहले तो गुफा के आरती का केवल प्रसारण ही होता था, लेकिन अब तो भक्त यहां आकर आरती का प्रत्यक्ष लाभ भी उठा सकते हैं।Mata Vaishno Devi श्राइन बोर्ड की तो सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक रोपवे परियोजना भी है। यह परियोजना तो खास कर के बुजुर्ग, दिव्यांग और असमर्थ यात्रियों के लिए यात्रा को बेहद आसान भी बना देगी।
इस सुविधा से तो मातृ दर्शन का भी आनंद लेना उन भक्तों के लिए भी संभव होगा जो की पहले कठिनाई महसूस करते थे। श्राइन बोर्ड के मुताबिक तो, साल 2024 में तीन-चार बड़े प्रोजेक्ट भी पूरे किए जाएंगे। इनका तो उद्देश्य माता वैष्णो देवी की यात्रा को न केवल अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाना है, बल्कि भक्तों के अनुभव को यादगार और विशेष बनाना भी है।
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