Primary Education Department Bihar : वैसे तो बिहार सरकार के द्वारा बच्चों को विद्यालय तक लाने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं। जिसमें सरकार द्वारा मध्यान भोजन योजना की भी शुरुआत की गई थी ताकि बच्चों को विद्यालय तक लाया जा सके। आपको बता दे बच्चों की उपस्थिति को लेकर मध्यान भोजन योजना प्रारंभ हुई जिसके परिणाम स्वरूप बच्चे काफी हद तक विद्यालय में आने भी लगे। यह योजना बच्चों को विद्यालय तक आने हेतु आकर्षित करती है।
मध्यान भोजन में बने हुए मेनू के आधार पर सरकारी स्कूलों के छात्रों को भोजन परोसा जाता है। जिसमें प्रत्येक शुक्रवार को अंडा या फल देने की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग मेनू निर्धारित है। लेकिन शायद अब इस मीनू के आधार पर दिए जाने वाले भोजन के कारण बच्चों का वजन बढ़ रहा है सरकार ने अब फैसला किया है कि सरकारी विद्यालयों में दिए जा रहे मध्यान भोजन के मीनू को बदल जाएगा पर ऐसा क्यों आईए जानते हैं।
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Primary Education Department Bihar : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हर एक बच्चे का टेस्ट कराया जाएगा।
Primary Education Department Bihar : सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं के पोषण स्तर का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा जिसमें सभी का बीएमआई टेस्ट कराया जाएगा। स्कूलों में अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या ज्यादा हो गई है
इसे लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा अब मध्यान भोजन के मेनू को बदल दिया जाएगा साथ ही साथ बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई जांच करवाया जाएगा। मुजफ्फरपुर जिले के कई सरकारी स्कूलों के छात्रों के अध्ययन के बाद यह पता चला है कि बच्चों का वजन काफी बढ़ गया है। यही हाल अन्य जिलों में भी है।
Primary Education Department Bihar : मध्यान भोजन में स्थानीय साग सब्जियों पर ज्यादा जोर।
Primary Education Department Bihar : विभाग के द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादा से ज्यादा बच्चों को अतिरिक्त पोषण की व्यवस्था हेतु प्रतिदिन के मीनू में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार की साग सब्जियों पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा गया है। इसके लिए सभी जिलों के देव और डीपीओ को जिम्मेदारी दी गई है यह भी कहा गया है कि सभी बच्चों का बीएमआई जांच कर यह पता लगाया जाए कि बच्चों के मोटापे का क्या कारण है।
Primary Education Department Bihar : बीएमआई टेस्ट क्या होता है आईए जानते हैं।
Primary Education Department Bihar : बीएमआई टेस्ट से शरीर के विभिन्न आंतरिक हिस्सों की जांच की जाती है जिसमें यह पता चलता है की कितनी खुराक बच्चों को मिलनी चाहिए और उसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए। प्रत्येक बच्चे की अलग-अलग जरूरत होती है। इसको ध्यान में रखते हुए मध्यान भोजन योजना में उचित बदलाव किए जाएंगे।
अभी तक सभी को एक ही तरह के भोजन परोसे जाते हैं। जिससे बच्चों के मोटापे का कारण बनता जा रहा है। बीएमआई जांच से यह पता चलेगा कि शरीर के किस हिस्से में चर्बी ज्यादा जमा हुई है। और बच्चे का बड़ा हुआ मोटापा या वजन उसके उम्र और लंबाई के हिसाब से सही है अथवा नहीं।
फिलहाल राज्य सरकार के द्वारा यह कहां तक सार्थक होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन सरकार के द्वारा इस तरह के कदम उठाए जाने से बच्चों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग हमेशा की जा सकेगी जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और शैक्षणिक माहौल में वह अपने आप को सम्मिलित कर पाएंगे। Primary Education Department Bihar
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